धरती का केंद्र इतना ज्यादा गरम क्यूँ है?
Why is the earth's core so hot?
ऊपर से देखने पर धरती की सतह बिलकुल सामान्य नजर आती है। यह ठोस पत्थरों से बनी है और यह सामान्य तापमान पर है। जिसके ऊपर हम, आप और बाकी सभी जीव रहते है। पर हमारी धरती किसी प्याज़ की तरह परतों से बनी है। ठंडे और ठोस बाहरी सतह जिसे crust कहते है। सतह से 5-70 km नीचे जाने पर आपको एक ऐसी जगह मिलेगी जो इस बाहरी सतह से बिलकुल अलग है। एक ऐसी जगह जो इतनी गरम है की यहा पिघलें पत्थरों का एक महासागर है। यहा पर तापमान 200 °C जितना है । जैसे जैसे हम mantle मे और अंदर जाते है तो core से ठीक पहले इसका तापमान 4,000 °C पर पाहुच जाता है। यह core धरती की outer core है जो पिघलें हुए iron और nickel से बनी हुई है। और 2,400 अंदर जाने पर हमे मिलता है धरती का केंद्र यह है inner core एक ठोस गोला जो nickel और iron से बना हुआ है। धरती की सतह के इतना नीचे इतनी ज्यादा गर्मी है की यहा का तापमान 5430 °C है जो इतना ज्यादा है की यह सूर्य की सतह के तापमान जितना है। तो प्रश्न यह उठता है की आखिर धरती अंदर से इतनी गरम क्यूँ है। क्यूकी अगर हम सूरज को देखे तो उसे अपनी गर्मी nuclear fusion से मिलती है। पर धरती के अंदर nuclear fusion नही हो सकता है। क्यूकी इसके लिए इतना ज्यादा तापमान और दबाव चाहिए की यह केवल तारों के केंद्र मे ही हो सकता है। तो धरती का केंद्र इतना गरम क्यूँ है? चलिये समझते है। नमस्कार आप का स्वागत है Endiae Genius पर।
Radioactive Materials
जिस प्रकार किसी nuclear reactor को गर्मी बेहद भरी elements जैसे uranium, thorium, और potassium के टूट कर हल्के elements मे बदलने की प्रक्रिया से मिलती है। यानि nuclear fission से मिलती है। उसी प्रकार धरती के केंद्र के पास काफी मात्रा मे radioactive materials मौजूद है। जिनके टूटने या decay होने से थोड़ी बहुत heat निकलती है पर क्यूकी यहा पर यह radioactive materials काफी मात्रा मे मौजूद है तो इन सभी के combined effect से यहा काफी ज्यादा heat उत्पन्न होती है। heat की यह energy core मे ही trapped हो कर रह जाती है क्यूकी धरती की crust हीट को इतना ज्यादा बाहर नही आने देती है। और heat की इस trapping के कारण धरती का core गर्म होने लगता है।
Heat from friction
धरती का outer core धीरे धीरे ठंडा हो रहा है और जिससे solid inner core बढ़ रहा है। जैसे जैसे outer core ठंडा होता है तो वह liquid से solid बनता जाता है। और उससे निकली हुई heat जिसे latent heat कहते है बाकी के core को और ज्यादा गरम कर देता है। धरती के core के गरम होने का एक और कारण यह है की जब सौर मंडल के शुरुआती दिनों मे ग्रहों का निर्माण हो रहा था तब बड़े बड़े पत्थर के पिण्ड आपस मे टकरा रहे थे। और जिनसे और बड़े objects बने जो एक पर्याप्त आकार के होने के बाद ग्रहों का रूप लेने लगे। और फिर ग्रहों का निर्माण हुआ। जब कोई दो चीजें जो बेहद गति से एक दूसरे से टकराती है तो उनकी kinetic energy गर्मी मे तब्दील हो जाती है और जिससे वे गरम हो जाते है। जैसे कील पर हथौड़ा मरने से वो गरम हो उठता है।Heat left from Earths formation
Importance of a hot core for life on Earth
किसी जीवन योग्य ग्रह के लिए एक गरम core बहुत ही जरूरी है। क्यूकी इस गरम core की वजह से इसके केंद्र के पास मौजूद metals जैसे nickel और iron liquid बने रहते है। metals मे free electrons होते है। जब धरती घूमती है तो इसके साथ core भी घूमता है। पर क्यूकी outer core liquid है इस लिए यह घूमने के साथ मथता यानि churn होता है। इसके कारण इसमे मौजूद free electrons भी घूमते है। और इन electrons के घूमने से धरती के केंद्र मे electric currents बनते है जो फिर magnetic field बनाते है। और धरती के चारों ओर मौजूद magnetosphere इसी कारण है। यह magnetosphere जीवन के योग्य किसी ग्रह के लिए बहुत जरूरी है। क्यूकी यह उस सौर पवन से वातावरण की रक्षा करते है। जो इनके अभाव मे धीरे धीरे वातावरण को किसी ग्रह से उड़ा ले जाता है। एक पर्याप्त वातवारन के बिना पानी तरल रूप मे नहीं रह सकता है। जो जीवन के बहुत ही आवश्यक है। तो हम कह सकते है की अगर हमारी धरती का केंद्र इतना गरम न होता तो यहा जीवन भी संभव नही होता। आप को यह video कैसा लगा हमे comments मे बताए। हमारे channel को subscribe करे और देखते रहिए Endiae Genius